5 Easy Facts About shiv chalisa lyricsl Described
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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
शंकरं, शंप्रदं, सज्जनानंददं, शैल – कन्या – वरं, परमरम्यं ।
जरत सुरासुर भए विहाला ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
Glory to Girija’s consort Shiva, that is compassionate for the destitute, who constantly protects the saintly, the moon on whose forehead sheds its wonderful lustre, and in whose ears are definitely the pendants of the cobra hood.
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
हनुमान चालीसा लिरिक्स
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब shiv chalisa lyricsl मिलि तुमहिं जुहारी॥